बनारस की तर्ज पर भव्य गंगा और शिवजी की आरती, सैकड़ो लोग बने साक्षी, आतिशबाजी भी की गई, भगवान भोलेनाथ की नगरी तुर्रीधाम में हुआ आयोजन

सक्ती : भगवान भोलेनाथ की नगरी कहे जाने वाले सक्ती जिले के तुर्रीधाम में देव दीवाली और कार्तिक पूर्णिमा को धूमधाम से मनाया गया. यहां ‘बनारस’ की तर्ज पर भव्य गंगा आरती व शिवजी की आरती का आयोजन गया. जिसका सैकड़ो लोग साक्षी बने. यहां आतिशबाजी भी की गई, सबसे खास बात यह है कि भगवान शिव का श्रृंगार महाकाल के रूप में भांग और चांदी से श्रृंगार किया गया था. यहां 51 सौ दीप प्रज्वलित की गई थी. जिसे लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह दिखा.
श्रद्धालुओं ने बताया कि आयोजन को लेकर उनमें उत्साह रहता है, क्यों कि बनारस की तर्ज पर हो रहे आरती में भाग लेते हैं. वहीं, श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया.
इधर, आयोजकों ने बताया कि पिछले कई सालों से बनारस की तर्ज पर आरती की जाती है. जिसमें जिले के अलावा प्रदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं.
आपको बता दें कि तुर्रीधाम मंदिर का स्थापत्य अनोखा है. यह शिवलिंग पूर्वाभिमुख है. इसके चारों ओर मंडप बनाया गया है. गर्भगृह मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से 8 फीट की गहराई पर है. तुर्रीधाम की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह में एक प्राकृतिक जलस्त्रोत है, जो निरंतर शिवलिंग पर गिरते रहता है. यह जलस्त्रोत अनादि काल से अनवरत बहता हुआ आ रहा है. इसी जलस्रोत के नीचे ही प्राचीन शिवलिंग स्थापित है, जिस पर सदैव ही प्राकृतिक रूप से शिवलिंग पर जल अभिषेक होता रहता है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चला है कि आखिर जलधारा कहां से बह रही है ?
