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ट्रेन में चंबल के डकैतों से टकराए अक्षय कुमार, जानें फिर कैसे बची एक्टर की जान

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। अक्षय कुमार का जन्म 9 सितंबर 1967 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनका असली नाम राजीव हरिओम भाटिया है। अक्षय कुमार अपनी एक्शन फिल्मों और दमदार किरदारों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्हें रील नहीं बल्कि रियल लाइफ में असली डाकुओं का सामना करना पड़ा। यह किस्सा खुद अक्षय कुमार ने अनुपम खेर के चैट शो ‘कुछ भी हो सकता है’ में साझा किया था, जिसने सभी को हैरान कर दिया।

अक्षय कुमार ने बताया कि यह वाकया तब का है जब वे ट्रेन से सफर कर रहे थे। यात्रा के दौरान अचानक खबर मिली कि चंबल के कुख्यात डकैत ट्रेन में चढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास करीब साढ़े चार से पांच हजार का सामान था, जिसमें मेरे कपड़े और अन्य चीजें थीं। जैसे ही ट्रेन चंबल से गुजरी, डाकू बोगी में घुस आए। जैसे ही उन्होंने डाकुओं को देखा, उन्होंने तुरंत सोने का नाटक किया।

खिलाड़ी कुमार ने आगे बताया कि मैंने सोचा अगर कुछ बोला तो गोली मार देंगे। वो धीरे-धीरे सबका सामान उठा रहे थे और मेरे पास भी आ गए। उन्होंने मेरा पूरा सामान उठा लिया, यहां तक कि मेरी चप्पल भी नहीं छोड़ी। इस घटना को याद करते हुए अक्षय कुमार ने कहा कि वह उस वक्त डर के मारे रो भी पड़े थे, लेकिन शोर मचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। डकैतों ने बोगी में मौजूद सभी यात्रियों का सामान लूट लिया और किसी के पास कुछ नहीं छोड़ा। दिल्ली पहुंचने तक अक्षय कुमार के पास न कपड़े थे, न कोई थैला केवल सफर की खौफनाक यादें थीं।

अक्षय कुमार की पहली फिल्म ‘सौगंध’ साल 1991 में रिलीज हुई थी, लेकिन असली पहचान 1992 की फिल्म ‘खिलाड़ी’ से मिली। इसके बाद तो खिलाड़ी उनके नाम का हिस्सा बन गया। मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, खिलाड़ी 420 और खिलाड़ी 786 जैसी फिल्मों ने अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी कुमार बना दिया।

अक्षय ने एक्शन से शुरुआत की, लेकिन फिर उन्होंने कॉमेडी में खुद को साबित किया। हेरा फेरी, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, भागमभाग, और भूल भुलैया जैसी फिल्मों ने उनकी इमेज को एक बहुमुखी कलाकार में बदल दिया। एयरलिफ्ट, रुस्तम, टॉयलेट: एक प्रेम कथा, और पैडमैन जैसी फिल्मों में अक्षय कुमार ने गंभीर और सामाजिक भूमिकाएं निभाईं, जिससे उनकी पहचान सिर्फ मसाला एक्टर की नहीं, बल्कि समाज से जुड़ी कहानियों को कहने वाले जिम्मेदार कलाकार की भी बन गई।

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